1-ऐसे क्या-क्या कारण है जिससे कारण मौसम में इतने तेजी से बदलाव देखने को मिल रही है?

मौसम में इतने तेजी से बदलाव होने के क्या-क्या कारण है इसे समझने से पहले हम ये समझते है की ऐसे क्या क्या कारक ( Factor ) है जिससे या फिर ऐसा क्या घटित हो रहा है जिसे होने के बाद ये प्रतीत होता जा रहा है की मौसम में बदलाव हो रहा है। इसके पीछे बहुत सारे करक है जो की एक -एक करके समझते है।

A-मौसम के तापमान में बदलाव:

मौसम में तेजी से बदलाव को जानने का सबसे पहला कारक है और वो है मौसम के तापमान में बदलाव देखने को मिलना। आज हवा में कॉर्बन डाई ऑक्साइड ( CO2 ) गैस की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ गयी है जिससे तापमान में बहुत ज्यादा गर्मी देखने को मिल रही है। ये तापमान इतने बढ़ते जा रहे है की गर्मी मौसम आने के पहले ही मौसम में गर्मी देखने को मिल रही है और इनका तापमान गर्मियों के महीने में 50 डीग्री तक पहुंच जा रही है जो की मानव जन -जीवन के लिए बहुत ही ज्यादा समस्या का विषय है।

1-ऐसे क्या-क्या कारण है जिससे कारण मौसम में इतने तेजी से बदलाव देखने को मिल रही है?

B-पेड़ों की तेजी से कटाई:

मौसम में तेजी से बदलाव के पीछे दूसरा सबसे बड़ा कारक है और वो है पेड़ो की बहुत तेजी से कटाई। हमसब जानते है की मानव जीवन के लिए पेड़ कितना महत्वपूर्ण है क्योकि पेड़ हमें ऑक्सीज़न देता है जो की मानव जीवन के लिए इसके बिना जीवन संभव नहीं है। पेड़ मौसम के वातावरण को भी ठंढा रखने में अहम् भूमिका निभाता है। वर्षा कराने में पेड़ का अहम् योगदान है जो की हम सब जानते है। लाखों धरती के चिड़िया ,कीड़े और अन्य छोटे जानवर जो की पेड़ो पर ही पूरी तरीके से आश्रित है अर्थात इनके लिए भोजन ,और रहना सब इन पेड़ो पर ही है। पेड़ लगाने से वहा की मिटटी को एक जगह बांधकर रखने में मदद करता है।
आज कल बदलती दुनिया में सभी चीजे बढ़ रही है जैसे की मानव की जनसँख्या ,घर ,रोड और अनेको फैक्ट्री और इसको पूरा करने के लिए हमें चाहिए खाली जगह जो की इतनी ज्यादा है नहीं। इसके लिए लोग इन जंगलो को बहुत तेजी से काटे जा रहे है। इनके लकड़ियों का व्यापर हो रहा है जो की अनेको ऐसे कई चीजे है जो इन लकड़ियों से बनायीं जाती है। इन्ही सब कारणों से मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है।

1-ऐसे क्या-क्या कारण है जिससे कारण मौसम में इतने तेजी से बदलाव देखने को मिल रही है?

C-बढ़ती मानव जनसँख्या:

मौसम में तेजी से बदलाव के पीछे मानव सबसे आगे है क्योकि मानव की पूरी तरह प्रकृति पर ही निर्भर है। प्रकृति के बिना मानव जीवन संभव नहीं है क्योकि प्रकृति हमें सब कुछ देती है जैसे पीने के पानी ,शुद्ध हवा ,अनुकूल हवा इत्यादि सब कुछ मानव इन्ही प्रकृति से लेता है लेकिन बीते कुछ दसको से मानव इन्ही प्रकृति का सबसे बड़ा संकट बन बैठा है और उसका एक वजह है बढ़ती मानव जनसँख्या। लगातार जनसँख्या में बृद्धि के कारण प्रकृति का संतुलन ख़राब हो गया है जिसके चलते मौसम में हो रहे बदलाव का एक कारक है।
एक रिपोर्ट के अनुसार 1970 में कुल आबादी थी लगभग 370 करोड़ और 2020 में 780 करोड़ आबादी बढ़कर हो गयी। जब इतनी तेजी से जनसँख्या में बृद्धि होगी तो मानव संसाधन को पूरा करने के लिए उन्हें प्रकृति पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा।

1-ऐसे क्या-क्या कारण है जिससे कारण मौसम में इतने तेजी से बदलाव देखने को मिल रही है?

D-नदी तालाब सूख जाना:

मौसम में तेजी से बदलाव के कारण नदी तालाब धीरे -धीरे सूख रहे है। लोगो को पानी की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। पीने का पानी का अस्तर निचे जाता चला जा रहा है इसके पीछे बहुत सरे कारण है जैसे की-

i-प्रकृति को ज्यादा नुकसान पहुंचना।
ii-आय दिन जंगलो और पेड़ो को काटना।
iii-नदी तालाब को दूषित करना।
iv-गाड़ियों से निकलने वाले धुँवा।
v-मानव द्वारा निर्मित प्लास्टिक।

इत्यादि और भी बहुत सारे ऐसे कारण है जो प्रकृति को नुकसान पहुंचने में अहम् भूमिका निभाते है।

1-ऐसे क्या-क्या कारण है जिससे कारण मौसम में इतने तेजी से बदलाव देखने को मिल रही है?

E-जानवर और चिड़ियों का बिलुप्त होना:

मौसम में तेजी से बदलाव के पीछे एक बहुत बड़ा कारण है और वो है की धीरे -धीरे ज्यादातर चिड़िया और जानवर बिलुप्त हो गए है। जैसे की बात की जाय पहले आज से 10 -15 बर्ष पहले हमारे घरों में गौरैया चिड़ियाँ या और भी कई चिड़िया देखने को मिलती थी , कोई जानवर जैसे नील गाय,सियार (Jackal ) ,गिद्ध (vulture ) जैसे बड़े बड़े जानवर और पंक्षी देखने को मिलते थे जो की आज के समय सायद ही देखने को मिलते है। जो भी धरती पर जीव-जंतु मैजूद है वो एक दूसरे पर निर्भित है जिसे प्रकृति में संतुलन बनी रहे। लेकिन अगर इनके संतुलन में जरा भी हम बदलाव करते है तो हमें इसका परिणाम ( नुकसान ) देखने को मिलता है।
जैसे बात की जाये की एक जानवर जो मांसाहारी होता है वो एक दूसरे को मारकर अपना पेट भरता है और दूसरा जानवर जो उससे ताकतवर है उसको मारकर खाते है ठीक ऐसे ही प्रक्रिया चलती रहती है लेकिन आज मानव भी उन्ही जानवरो का भक्षण करे जा रहा है जिससे धीरे धीरे ये बिलुप्त की कगार पर जाते जा रहे है। थोड़ी बहुत जागरूकता सरकार द्वारा भी चलायी जा रही है जिससे इनको पूरी तरह बिलुप्त होने से बचाया जा सके। इनके लिए अलग -अलग शहरो में चिड़िया घर बनायीं गयी है जिससे इनके बारे में लोगो को जानने का मौका मिल सके।

1-ऐसे क्या-क्या कारण है जिससे कारण मौसम में इतने तेजी से बदलाव देखने को मिल रही है?

2-अब समझते है की इसको कैसे कम या रोक सकते है ?

बदलती मौसम को रोकने के लिए ऐसे बहुत से कारक है जिससे हम इन्हे बहुत हद तक काम कर सकते है वो एक -एक समझते है –

A-जगह-जगह पेड़ लगाना:

जगह जगह पेड़ लगाने से इतने तेजी से मौसम में बदलाव होने से थोड़ा बहुत काम किया जा सकता है। जब पेड़ लगाएंगे तो वह का तापमान अपने आप काम हो जाते है। जहा पेड़ होती यही वह पर 9 डिग्री तक तापमान काम होता है। मिटटी अधिक उपजाऊ होती है और बाढ़ आने पर मिटटी को एक जगह बांध कर रखता है।

1-ऐसे क्या-क्या कारण है जिससे कारण मौसम में इतने तेजी से बदलाव देखने को मिल रही है?

B-तेजी से जनसँख्या बृद्धि पर रोक लगाना:

मौसम में बदलाब को रोकने के लिए तेजी से बढ़ रहे जनसँख्या पर रोक लगानी चाहिए। अगर इतनी जनसँख्या बढ़ती रहेगी तो मानव को रहने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत होती और वो इसको पूरा करने के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ करेगा जिससे इसके अनुकूलता में बदलाव देखने को मिलेगा।
बीते कुछ सालो से सरकार लगातार इसपर जोर दे रही है और कुछ देश इसपर पूरे तरह तरह सफलता प्राप्त कर चुके यही कुछ देश अभी इसपर जोर दे रहे
है।

C-धुंवे वाली कंपनी को बंद करना:

Environment को रोकने ले लिए जितने भी कंपनी है जो ईंधन के रूप में कोयला जलाती है उसको रोकना पड़ेगा जिससे उससे निकलने वाले जहरीले हवा को शुद्ध हवा में मिलने से रोका जा सके जिससे हमें शुद्ध हवा मिल सके। इसके लिए बीते कुछ सालो से बहुत ज्यादा Aggressively काम कर रही है। इसके लिए सरकार ने एक अलग विभाग का गठन किया है जिसे इसे गंभीर रूप से ले सके।

D-प्लास्टिक को बंद करना:

प्लास्टिक पूरे देश में बहुत ही ज्यादा समस्या समस्या का विषय है क्योकि प्लास्टिक सैकड़ो बरसो तक गलता-सड़ता ( Decompose ) नहीं होता है। इसके होने से बहुत सारे नदी नाले सूख गए है।आजकल सभी खाने वाले सामान इन्ही सब प्लास्टिक में मिल रही है जो की हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है। इसलिए आज कल इन्शानो को नयी नयी बीमारिया हो रही है और उसका कारन है ये प्लास्टिक क्योकि आजकल साडी खाने वाली चीजे प्लास्टिक में पैक (pack ) मिल रही है जिसे खा कर इंशान बीमार हो रहा है।
यही प्लास्टिक जाकर पूरे नाले और नदी में जाकर मिलती है जिससे नदी नाले दिन पर दिन सूख रहे है ,उसमे रह रहे जलीय जीव मर रहे है और इसका एक ही कारण है और ये है प्लास्टिक।

1-ऐसे क्या-क्या कारण है जिससे कारण मौसम में इतने तेजी से बदलाव देखने को मिल रही है?

E-नदी नाले साफ़ रखना:

जब नदी नाले साफ रहेंगे तो ecosystem भी सही रहेगा। सभी को पीने का पानी मिलेगा ,जानवरो को पीने का साफ़ पानी मलेगा ,पेड़ पैधे आस – पास के छोटी बड़ी चीजों को समय पर पानी मिलता रहेगा।

3-सन्दर्भ ( Conclusion ):

मौसम में बदलाव एक बड़ी समस्या का विषय है जिसको लेकर सरकार भी नए -नए तरीके से इसको सही करने प्रयाश कर रही है , लेकिन केवल सरकार के अकेले परिवर्तन करने ज्यादा नहीं हो पायेगा जब तक की हमसब इसमें सहयोग नहीं करेंगे क्योकि जो भी है धरती पर उसको जितना अच्छे तरीके से मानव समझ सकता है सायद ही उतना कोई और और इसीलिए मानव को इसमें बढ़ चढ़ कर भाग लेना चाहिए और इसके प्रति समाज में जागरूकता फ़ैलाने चाहिए। प्राकृतिक के द्वारा आने वाली अचानक समस्याओ को छोड़ दे तो बाकि जितना बचता है उसको चाहे तो मानव पूरे तरीके से कम कर सकता है फिर चाहे जनसख्या नियंत्रण हो, नदी नाले को साफ रखना हो, या फिर धुएं वाली कंपनी और गाड़िया हो।
ये समस्या सुनने में आपको छोटी लगती है लेकिन कहते है हर बड़ी चीजों के पहले शुरूआत छोटे से ही होती है। ये बात बिलकुल सही है इसलिए हम सब प्रत्येक दिन देख रहे है की मौसम में कितनी ज्यादा गर्मी है, समय पर बारिश नहीं हो रही है ,और जगह -जगह बाढ़ का आना ये सब इन्ही सब का असर है।

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